चाँद की पहली दस्तक पे
चाँद मुबारक कहते हैं
सब से पहले हम आपको
रमजान मुबारक कहते है
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
फूलों और कलियों को बहार मुबारक,
परिंदों को ऊँची उड़ान मुबारक,
आशिकों को उनका प्यार मुबारक
आपको हमारी तरफ से रमजान मुबारक
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
रमजान आया है, रमजान आया है,
रहमतों का बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियाँ जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में ये पाक महीना आया है
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
तुम इबादत के लम्हों में मेरा इक काम करना,
हर सेहरी से पहले, हर नमाज़ के बाद,
हर इफ़्तार से पहले, हर रोज़े के बाद
अपनी दुआ के कुछ अलफ़ाज़ मेरे नाम करना
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
ऐ चाँद उनको मेरा पैगा़म कहना
खुशी का दिन और हसीं की हर शाम कहना
जब वो देखे बाहर आकर तो उनको
मेरी तरफ़ से मुबारक हो रमज़ान कहना
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
कितनी जल्दी ये अरमान गुज़र जाता है
प्यास लगती नहीं इफ़्तार गुज़र जाता है
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह
इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
वक़्त तो परिंदे की तरह हैं उड़ जाएगा
गया वक़्त फ़िर कभी नहीं आएगा
कर लो जी भर के नेकियां.......
रमज़ान तो मेहमान है चला जाएगा
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
चश्मे बार होके मेहमान आ गया
दामन में इलाही तोहफा ए ज़ीशान आ गया
बख़्शिश भी, मग़्फिरत भी, दोज़ख़ से भी नजात
दस्ते तलब बढ़ाओ कि रमज़ान आ गया
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
चाँद मुबारक कहते हैं
सब से पहले हम आपको
रमजान मुबारक कहते है
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
फूलों और कलियों को बहार मुबारक,
परिंदों को ऊँची उड़ान मुबारक,
आशिकों को उनका प्यार मुबारक
आपको हमारी तरफ से रमजान मुबारक
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
रमजान आया है, रमजान आया है,
रहमतों का बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियाँ जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में ये पाक महीना आया है
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
तुम इबादत के लम्हों में मेरा इक काम करना,
हर सेहरी से पहले, हर नमाज़ के बाद,
हर इफ़्तार से पहले, हर रोज़े के बाद
अपनी दुआ के कुछ अलफ़ाज़ मेरे नाम करना
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
ऐ चाँद उनको मेरा पैगा़म कहना
खुशी का दिन और हसीं की हर शाम कहना
जब वो देखे बाहर आकर तो उनको
मेरी तरफ़ से मुबारक हो रमज़ान कहना
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
कितनी जल्दी ये अरमान गुज़र जाता है
प्यास लगती नहीं इफ़्तार गुज़र जाता है
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह
इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
वक़्त तो परिंदे की तरह हैं उड़ जाएगा
गया वक़्त फ़िर कभी नहीं आएगा
कर लो जी भर के नेकियां.......
रमज़ान तो मेहमान है चला जाएगा
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
चश्मे बार होके मेहमान आ गया
दामन में इलाही तोहफा ए ज़ीशान आ गया
बख़्शिश भी, मग़्फिरत भी, दोज़ख़ से भी नजात
दस्ते तलब बढ़ाओ कि रमज़ान आ गया
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खुशियां नसीब हो जन्नत क़रीब हो,
तू चाहे जिसे वो तेरे क़रीब हो,
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का,
मक्का और मदीना की तुझे ज़ियारत नसीब हो
❁〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰❁
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